रावण कुम्भकर्ण और विभीषण के पूर्वजन्म की एक अनसुनी कथा

भगवान विष्णु के पार्षद जय-विजय किस प्रकार श्राप के कारण रावण और कुम्भकर्ण के रूप में जन्मे ये हम सभी जानते हैं। इस विषय में हमने एक विस्तृत लेख पहले ही प्रकाशित किया है जिसे आप यहाँ पढ़ सकते हैं। आज हम रावण के उस पूर्वजन्म की कथा जानेंगे जिसे बहुत ही कम लोग जानते हैं। ये कथा श्री रामचरितमानस में दी गयी है। ये कथा मानस के बालकाण्ड में १५२वें दोहे से आरम्भ होकर १७५वें दोहे पर समाप्त होती है।