यम द्वितीया

कल आप सबने यम द्वितीया का पर्व मनाया। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को पड़ने के कारण ही इस पर्व का नाम यम द्वितीया पड़ा है। इस नाम का एक कारण ये भी है कि ये पर्व दीपावली के दो दिनों के बाद आता है। इसी को भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है। भाई दूज का महत्त्व रक्षा बंधन के समान ही है जिसमे बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं और उनके वज्र के समान शक्तिशाली होने की कामना करती हैं। बदले में भाई भी अपनी बहन की रक्षा का वचन देता है।