माता सरस्वती के रूप एवं अवतार

माता सरस्वती के रूप एवं अवतार
पिछले लेख में हमने ईश्वर के अवतार और रूप में अंतर के विषय में जाना था। हमनें माता लक्ष्मी के ८ रूप जिन्हे अष्टलक्ष्मी कहा जाता है, उनके बारे में भी देखा। इस लेख में हम माता सरस्वती के रूपों एवं अवतारों के विषय में बात करेंगे। माता पार्वती एवं माता लक्ष्मी की भांति माता सरस्वती के भी अनेक रूप हैं, हालांकि उनके अवतारों की संख्या उतनी नही है।

महाभारत में "अश्वत्थामा पर्व" क्यों नहीं है?

महाभारत में "अश्वत्थामा पर्व" क्यों नहीं है?
यदि आपने ध्यान से महाभारत पढ़ा हो तो एक बात आपने अवश्य गौर की होगी कि महाभारत के १८ पर्वों में से ४ महत्वपूर्ण पर्व कुरु सेना के ४ प्रधान सेनापतियों पर आधारित है। ये चार पर्व हैं - भीष्म पर्व, द्रोण पर्व, कर्ण पर्व एवं शल्य पर्व।

क्या राधा का वर्णन महाभारत में है?

क्या राधा का वर्णन महाभारत में है?
श्रीकृष्ण और श्री राधा दोनों ही भारत की संस्कृति में इस तरह रचे बसे हैं कि इन दोनों को अलग-अलग करके देखना एक प्रकार से असंभव है। किन्तु बहुत लोगों को ये जान कर हैरानी होगी कि राधा का वर्णन मूल व्यास महाभारत में है ही नहीं।

अजामिल - वो पापी जिसने स्वर्ग प्राप्त किया

अजामिल - वो पापी जिसने स्वर्ग प्राप्त किया
प्राचीन काल में अजामिल नामक एक कान्यकुब्ज ब्राह्मण था। उसके पिता ने उसे बहुत अच्छी शिक्षा और संस्कार दिए थे और वो भी सदैव अपने पिता की सेवा एवं ईश्वर की साधना में लगा रहता था। उसके पिता ऐसे आदर्श पुत्र को प्राप्त कर अपने आप को धन्य समझते थे। समय आने पर उन्होंने अजामिल का विवाह एक सुन्दर एवं सुशील ब्राह्मण कन्या से कर दिया। एक आदर्श पुत्र की भांति ही अजामिल एक आदर्श पति भी साबित हुआ और दोनों सुख पूर्वक रहने लगे।

शिवलिंग में "लिंग" शब्द का वास्तव में क्या अर्थ है?

शिवलिंग में "लिंग" शब्द का वास्तव में क्या अर्थ है?
विगत कुछ समय से बहुत ही सुनियोजित ढंग से हमारे धर्मग्रंथों में लिखे तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर कलुषित करने का प्रयास चल रहा है। कुछ चीजें ऐसी भी होती है जिसे लोग ढंग से समझ नहीं पाते और अर्थ का अनर्थ हो जाता है। आज के समय में शिवलिंग की जो एक अवधारणा है वो भी बहुत ही भ्रामक है। तो आइये इस लेख में हम शिवलिंग का वास्तविक अर्थ समझने का प्रयास करते हैं।