वेदों के रोचक तथ्य

हिन्दू धर्म में वेदों को भगवान ब्रह्मा की वाणी एवं सृष्टि का आधार कहा गया है। कहते हैं वेद उतने ही प्राचीन हैं जितनी ये सृष्टि है। हिन्दू धर्म ग्रन्थ श्रुति एवं स्मृति में वर्गीकृत है और श्रुतियों में केवल वेदों की ही गणना होती है। आइये वेदों के विषय में कुछ रोचक चीजें जानते हैं।

अष्टलक्ष्मी - माता लक्ष्मी के आठ सर्वोच्च रूप

अष्टलक्ष्मी - माता लक्ष्मी के आठ सर्वोच्च रूप
हमें कुछ समय पहले देवताओं के अवतार और रूप के विषय में जाना था। माता लक्ष्मी के वैसे तो कई रूप हैं किन्तु उनमें से ८ सबसे प्रमुख माने जाते हैं जिन्हे हम अष्टलक्ष्मी कहते हैं। इन आठ रूपों में वे सृष्टि के विभिन्न भागों का प्रतिनिधित्व करती हैं। आइये इनके विषय में कुछ जानते हैं।

श्रीराम १२ एवं श्रीकृष्ण १६ कलाओं के साथ क्यों अवतरित हुए?

श्रीराम १२ एवं श्रीकृष्ण १६ कलाओं के साथ क्यों अवतरित हुए?
ये तो हम सभी जानते हैं कि किसी भी मनुष्य अथवा देवता की कुल १६ कलाएं होती हैं। १६ कलाओं पर एक लेख हमने पहले ही प्रकाशित कर दिया है जिसे आप यहाँ पढ़ सकते हैं। भगवान विष्णु भी इन सभी १६ कलाओं के धारक हैं। इसके अतिरिक्त चन्द्रमा को भी महादेव की कृपा से १६ कलाएं प्राप्त हैं और माता दुर्गा के पास भी कुल १६ कलाएं हैं। हालाँकि चंद्र एवं माँ दुर्गा की कलाएं श्रीहरि की कलाओं से भिन्न हैं।

असुर, दैत्य, दानव, राक्षस, पिशाच और बेताल में क्या अंतर है?

असुर, दैत्य, दानव, राक्षस, पिशाच और बेताल में क्या अंतर है?
हिन्दू धार्मिक कथाओं को पढ़ते कई बार असुर, दैत्य, दानव, राक्षस, पिशाच और बेताल का वर्णन आता है। आम तौर पर हम इन सभी को एक ही मान लेते हैं और इसका उपयोग एक पर्यायवाची शब्द के रूप में करते हैं, किन्तु ये सभी अलग-अलग हैं। आइये इन सभी के बीच के अंतर को जान लेते हैं।