क्या पांडवों के अतिरिक्त कर्ण का कोई और भाई था?

महारथी कर्ण के विषय में तो हम सभी जानते हैं। महाभारत में कदाचित सबसे संघर्षपूर्ण जीवन उन्ही का रहा है। स्वयं भगवान सूर्य नारायण के पुत्र होते हुए भी उन्हें सदैव सूतपुत्र की भांति जीना पड़ा। जहाँ एक ओर उनकी माता कुंती के पांचों पुत्र सम्मान और सुविधा के साथ जी रहे थे, कर्ण, कुंती के ज्येष्ठ पुत्र होते हुए भी उपेक्षित ही रहे। बचपन में कुंती द्वारा त्यागे जाने के बाद धृतराष्ट्र के सारथि अधिरथ और उनकी पत्नी राधा ने उन्हें गोद ले लिया और वे "राधेय" के नाम से प्रसिद्ध हुए।