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क्या उत्तर कांड एवं शम्बूक वध सत्य है?

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बहुत समय से सोच रहा था कि जनमानस में शम्बूक, सीता त्याग इत्यादि को लेकर जो असत्य फैला है उसके विषय में कुछ लिखूं। १-२ शताब्दी पूर्व से सुनियोजित रूप से श्रीराम के चरित्रहनन का जो प्रयास हुआ है वो वास्तव में दुखद है। वैसे तो ऐसी कई मिथ्या चीजें जनमानस में फैलाई गयी है जिससे श्रीराम के उज्जवल चरित्र पर कलंक लगाया जा सके किन्तु उनमें भी जो सबसे बड़े पात्र के रूप में उभरता है वो है शम्बूक । पहले मैंने केवल शम्बूक के विषय में लिखने का निश्चय किया था किन्तु फिर सोचा कि इसी बहाने रामायण के उत्तर कांड के सत्य से भी सबको अवगत कराया जाये। तो आइये इस विषय में विस्तार से जानते हैं। 

क्या गौतम बुद्ध विष्णु अवतार हैं?

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अगर हम भगवान विष्णु के दशावतार की बात करें तो संभव है कि १०० में से ९९ लोग गौतम बुद्ध को श्रीहरि का अवतार बताएँगे। बहुत काल से इसपर विवाद चला आ रहा है कि क्या वास्तव में गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार हैं? हिन्दू धर्म में गौतम बुद्ध को विष्णु अवतार नहीं माना जाता किन्तु बौद्ध धर्म में उन्हें विष्णु के ९वें अवतार के रूप में प्रचारित किया जाता है। सर्वप्रथम तो मैं ये स्पष्ट कर दूँ कि  गौतम बुद्ध श्रीहरि विष्णु के अवतार नही हैं। आइये इसका कारण जानते हैं।

श्रीकृष्ण की १६१०८ रानियों का पूर्वजन्म

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हम सभी ने श्रीकृष्ण की १६१०८ रानियों के विषय में पढ़ा है। वास्तव में श्रीकृष्ण की १६१०८ पत्नियों की भूमिका त्रेता युग में रामावतार के समय ही बन गयी थी। त्रेतायुग में श्रीराम ने एक पत्नीव्रती होने का निश्चय कर लिया था किन्तु उस समय अनेकानेक युवतियां श्रीराम को अपने पति के रूप में प्राप्त करना चाहती थी। इसी कारण उन्होंने उन युवतियों को द्वापरयुग में पत्नीरूप में स्वीकार करने का वचन दिया था। द्वापरयुग में वही युवतियां श्रीकृष्ण की भार्यायें हुईं। आइये देखते हैं कौन किसका अवतार थीं।

रामेश्वरम के काले श्रीराम

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सितम्बर २०१९ की बात है, मैंने अपने परिवार के साथ रामेश्वरम जाने की योजना बनाई। उस समय मैं बैंगलोर में नौकरी कर रहा था और रामेश्वरम जाने के लिए पहले मदुरै जाना पड़ता था। ये मेरे लिए और भी सुखद था क्यूंकि मैं माता मीनाक्षी के भी दर्शन करना चाहता था। तो पहले हम मदुरै पहुंचे और उसी शाम हमारी रामेश्वरम के लिए ट्रेन थी। तो सुबह करीब ५ बजे हम मीनाक्षी मंदिर पहुंचे। ऐसा भव्य मंदिर मैंने आज तक नहीं देखा था। काफी देर तक हम वहाँ रहे और फिर शाम को रामेश्वरम के लिए निकल पड़े।

मोक्ष पट्टम

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आप सभी ने सांप सीढ़ी का खेल अवश्य खेला होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि इसके पीछे का इतिहास क्या है? क्या आपको ये ज्ञात है कि इस खेल का सम्बन्ध हमारे पौराणिक ज्ञान से भी है। आज हम आपको इस खेल के उद्भव के विषय में बताएँगे और हम ये भी देखेंगे कि ये खेल किस प्रकार हमारे पौराणिक ज्ञान से सम्बंधित है।