भगवान शिव को अपने ही पुत्र श्रीगणेश का मस्तक क्यों काटना पड़ा?

महादेव द्वारा श्रीगणेश का मस्तक काटने के विषय में तो हम सभी जानते हैं किन्तु इस विषय में एक प्रश्न आता है कि आखिर उन्हें ऐसा करना क्यों पड़ा? महादेव तो त्रिकालदर्शी हैं फिर उन्हें कैसे नहीं पता था कि श्रीगणेश उनके ही पुत्र हैं? वास्तव में महादेव ने श्रीगणेश का मस्तक एक श्राप के कारण काटा था। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार राक्षसराज सुकेश के पुत्र माली और सुमाली ने महादेव से वरदान प्राप्त किया कि किसी भी विपत्ति में एक बार उन्हें उनकी सहायता के लिए आना होगा। महादेव ने उन्हें ये वरदान दे दिया। उस वरदान से उन्मत्त होकर माली और सुमाली ने स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। उन्हें रोकने के लिए स्वयं भगवान सूर्यनारायण युद्धक्षेत्र में आये और उनके बीच घोर युद्ध हुआ। माली और सुमाली वीर अवश्य थे किन्तु सूर्यदेव के तेज का सामना नहीं कर पाए। सूर्यदेव ने घोर युद्ध कर उन्हें परास्त किया और फिर वो दोनों भाई सूर्यदेव के तेज से जलने लगे। अपना अंत निश्चित जान कर उन दोनों ने महादेव का समरण किया। वरदान के कारण महादेव स्वयं वहां आये और सूर्यदेव को उनपर प्रहार करने से रोका। किन्तु दोनों असुरों को अकेले परास्त करने के म