गुरुवार, मार्च 23, 2023

महाराज मोरध्वज - जिन्होंने दानवीरता की सारी सीमाओं को पार कर दिया

महाराज मोरध्वज - जिन्होंने दानवीरता की सारी सीमाओं को पार कर दिया
हमारे देश में एक से एक महादानी हुए हैं किन्तु आज हम जिस व्यक्ति की बात करने वाले हैं उसने दानवीरता की सारी सीमाओं को पार कर लिया। ये कथा है महाराज मोरध्वज की। कथा महाभारत की है किन्तु मूल महाभारत का भाग नहीं है। भारतीय दंतकथाओं में इसकी बड़ी प्रसिद्धि है। विशेषकर छत्तीसगढ़ में इसे बड़े चाव से सुना और सुनाया जाता है।

गुरुवार, मार्च 16, 2023

चार वटवृक्ष जो अमर हैं

चार वटवृक्ष जो अमर हैं
हिन्दू धर्म में वटवृक्ष का क्या महत्त्व है इस विषय में कुछ बताने की आवश्यकता नहीं है। वैसे तो इस दुनिया में असंख्य वटवृक्ष हैं किन्तु उनमें से ५ ऐसे हैं जो अमर माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि उनका कभी नाश नहीं होता। तीर्थदीपिका में पांच वटवृक्षों का वर्णिन मिलता है:

गुरुवार, मार्च 09, 2023

ऋषि कितने प्रकार के होते हैं?

ऋषि कितने प्रकार के होते हैं?
कुछ समय पहले हमने ऋषि, मुनि, साधु, संन्यासी, तपस्वी, योगी, संत और महात्मा में क्या अंतर है, उसके बारे में बताया था। आज हम ऋषियों के प्रकार के बारे में जानेंगे। ऋषि वे ज्ञानी पुरुष थे जो शोध करते थे। अंग्रेजी का शब्द "रिसर्च" ऋषि शब्द से ही निकला है। ऋषि शब्द "ऋष" मूल से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ देखना होता है। इन्हे श्रुति ग्रंथों का अध्ययन एवं स्मृति ग्रंथों की रचना और शोध करने के लिए जाना जाता है।

गुरुवार, फ़रवरी 23, 2023

गरुड़ काष्ठ

गरुड़ काष्ठ
गरुड़ काष्ठ वास्तव में गरुड़ नामक एक विशाल वृक्ष की फली होती है जो देखने में किसी सर्प के समान लगती है और १ मीटर तक हो सकती है। इसके ऊपर एक बहुत महीन पारदर्शी परत चढ़ी रहती है जो देखने में किसी सांप की केंचुली के समान लगती है। यह एक दुर्लभ वृक्ष है और बहुत ही कम स्थानों पर पाया जाता है। ये इस पृथ्वी पर उत्पन्न सबसे प्राचीन वृक्षों में से एक है जिसकी उत्पत्ति लगभग ३ अरब वर्ष पहले बताई गयी है।

गुरुवार, फ़रवरी 09, 2023

उलूक

उलूक
उलूक महाभारत का एक कम प्रसिद्ध पात्र है। वो गांधार राज शकुनि और रानी आर्शी का ज्येठ पुत्र था। शकुनि के तीनों पुत्रों में केवल वही था जिसने महाभारत के युद्ध में भाग लिया था। यही नहीं, वो महाभारत के उन गिने चुने योद्धाओं में था जो युद्ध के १८वें दिन तक जीवित रहे थे। महाभारत कथा में उलूक का वर्णन युद्ध से ठीक पहले आता है।

गुरुवार, फ़रवरी 02, 2023

जब श्रीराम को हनुमान के साथ छल करना पड़ा

जब श्रीराम को हनुमान के साथ छल करना पड़ा
ये तो हम सभी जानते हैं कि रावण की मृत्यु के पश्चात श्रीराम ने ११००० वर्षों तक अयोध्या पर राज्य किया। उसके पश्चात उन्होंने निर्वाण लिया और अपनी लीला समाप्त की। लेकिन रामायण के कुछ संस्करणों में हमें एक और बड़ी ही रोचक कथा जानने को मिलती है।

गुरुवार, जनवरी 26, 2023

जब एक रात के लिए पुनर्जीवित हो गए महाभारत के मृत योद्धा

महाभारत से जुडी अनेकों कथा जनश्रुतियों के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनमें कुछ का सन्दर्भ हमें मूल महाभारत में मिलता है किन्तु कुछ केवल लोककथाओं के रूप में ही जनमानस में प्रसिद्ध हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक कथा के बारे में बताने वाले हैं जिसमें महाभारत में वीरगति को प्राप्त सभी योद्धा एक दिन के लिए जीवित हो गए थे।