रामायण में जब महर्षि विश्वामित्र महाराज दशरथ से श्रीराम और लक्ष्मण को मांग कर ले जाते हैं तो ताड़का वध से पहले और उसके बाद वे दोनों भाइयों कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और विद्याएं प्रदान करते हैं। इसका वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकाण्ड के २२वें और २७वें सर्ग में दिया गया है। आइये उन सभी के बारे में जानते हैं:
ताड़का
ताड़का रामायण में वर्णित एक राक्षसी थी जिसका वर्णन हमें रामायण के बालकाण्ड के २४वें सर्ग में मिलता है। जब महर्षि विश्वामित्र महाराज दशरथ से अपने यज्ञ की रक्षा हेतु श्रीराम और लक्ष्मण को मांग कर ले गए, तब मार्ग में यज्ञ से पहले ताड़का राक्षसी का सन्दर्भ आता है। ताड़का वास्तव में एक यक्षिणी थी जिसे राक्षस योनि में जन्म लेने का श्राप मिला था।
रामायण में कौन किसका अवतार था?
ये तो हम सभी जानते ही हैं कि रामायण में भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में अपना सातवां अवतार लिया था। किन्तु उस युग में उनकी सहायता के लिए अनेकों देवताओं ने अवतार लिए। इसका विस्तृत वर्णन वाल्मीकि रामायण के बालकाण्ड के सर्ग १७ और युद्धकाण्ड के सर्ग ३० में मिलता है। इसके अतिरिक्त रामचरितमानस में भी हमें कुछ वर्णन मिलता है। कुछ ऐसे अवतार भी हैं जो लोक कथाओं के रूप में प्रचलित हैं, उसका अलग से वर्णन किया गया है।
जब रावण माता सीता का अपहरण किये बिना ही लौट गया
रामायण में सीता हरण के विषय में जनमानस में एक धारणा प्रचलित है कि रावण ने शूर्पणखा के कहने पर मारीच की सहायता से माता सीता का हरण किया था। किन्तु वास्तव में खर-दूषण और जनस्थान के १४००० राक्षसों के नाश का समाचार सबसे पहले शूर्पणखा ने रावण को नहीं दिया था। ना ही सबसे पहले शूर्पणखा ने रावण को सीता हरण की सलाह दी थी। साथ ही साथ पहली बार रावण मारीच की बात मान कर माता सीता का हरण किये बिना ही लौट गया था, ये बात बहुत ही कम लोगों को पता है।
क्या श्रीराम ने खर-दूषण को बड़ी सरलता से मार डाला था?
भगवान श्रीराम और खर-दूषण के युद्ध के विषय में तो हम सभी जानते हैं। आम तौर पर इस युद्ध के विषय में विस्तार से बहुत कम लोगों को पता है और ऐसी मान्यता है कि ये युद्ध श्रीराम ने बड़ी आसानी से बहुत कम समय में जीत लिया। किन्तु जब हम वाल्मीकि रामायण पढ़ते हैं तो इस युद्ध के विषय में बहुत विस्तार से लिखा गया है। इसका वर्णन हमें अरण्य कांड के २५वें सर्ग से लेकर ३०वें सर्ग तक दिया गया है। जब आप इसे पढ़ेंगे तो आपको श्रीराम के शौर्य के विषय में पता चलेगा।
अद्भुत रामायण - एक अजीब रामायण
वैसे तो वाल्मीकि रामायण के कई संस्करण हैं जिनमें से सबसे प्रमुख है गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरितमानस। इसके अतिरिक्त भी आनंद रामायण, कम्ब रामायण, अध्यात्म रामायण आदि अनेक संस्करण हैं। इन्ही संस्करणों में से जो सबसे अलग संस्करण है वो है अद्भुत रामायण। जैसा कि इसका नाम है, इस रामायण में ऐसी ऐसी अद्भुत घटनाएं हैं जिसपर विश्वास करना बहुत कठिन है।
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