जब दुर्योधन ने सहदेव से युद्ध का मुहूर्त पूछा

महाभारत का युद्ध होना तय हो चुका था। अंतिम प्रयास के रूप में श्रीकृष्ण हस्तिनापुर गए किन्तु मूढ़ कौरवों ने उनका भी अपमान किया और उनके केवल ५ गाँव देने के प्रस्ताव को अभी अस्वीकार कर दिया। कृष्ण को तो खैर ये पता ही था कि ये युद्ध किसी भी स्थिति में टल नहीं सकता है किन्तु भीष्म और द्रोण ने दुर्योधन के हठ की ऐसी पराकाष्ठा देखी तो वे भी समझ गए कि कुरुवंश के नाश का समय अब आ गया है।