हिन्दू धर्म में अवतारों की बड़ी महत्ता है। वैसे तो कई देवताओं ने अवतार लिए किन्तु भगवान विष्णु के १० अवतारों का महत्त्व सबसे अधिक माना जाता है। भगवान शिव के भी कई अवतार हैं किन्तु उनके लिए ज्योतिर्लिंगों का ही उल्लेख होता है। प्रत्येक युग में जितने चरण होते हैं, श्रीहरि के उतने ही अवतार होते हैं। युगों का विस्तृत वर्णन आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
- सतयुग: इस युग में कुल चार चरण होते हैं और प्रत्येक चरण में भगवान विष्णु ने चार अमानवीय अवतार लिए। ये हैं - मत्स्य, कूर्म, वाराह एवं नृसिंह।