वर्तमान स्थानों के प्राचीन नाम

वर्तमान स्थानों के प्राचीन नाम
पौराणिक ग्रंथों में हमें कई देशों के वैदिक नाम मिलते हैं। भारत का नाम आर्यावर्त था ये तो विश्व प्रसिद्ध है किन्तु कुछ और भी देश हैं जिनका वर्णन हमारे धार्मिक ग्रंथों में आता है। कुछ ऐसे ही प्रमुख देशों का विवरण इस लेख में दिया जा रहा है। पहले विदेशों के प्राचीन नाम देखते हैं।
  • अखंड भारत: आर्यवर्त
    • भारत: शंकुन्तला पुत्र महाराज भरत के नाम पर
    • हिन्दू स्थान: जो बाद में बदलकर हिंदुस्तान हो गया। ये नाम हिन्दू धर्म के कारण पड़ा। पहले जो कोई भी भारत से होता था, चाहे वो हिन्दू, मुस्लिम, सिख या किसी अन्य धर्म का क्यों ना हो, उसे हिन्दू ही कहा जाता था।
  • अफगानिस्तान: उपगणस्थान
    • काबुल: कुंभा
    • कंधार: गांधार (धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी यहीं की थी) 
    • बाल्क: बाल्हीक (भीष्म के चाचा बाह्लीक के नाम पर)
    • वाखान: वोक्काण
    • बगराम: कपिशा
    • बदख्शां: कम्बोज
  • मिस्त्र: कुमृत
  • अरब: अर्व
  • अफ्रीका: मष्णार
  • श्रीलंका: सिंहल
    • लंका: राक्षसराज रावण की नगरी
  • नेपाल: किम्पुरुष
    • मिथिला: सीता के पिता महाराज जनक यहीं के सम्राट थे। 
  • अस्ट्रेलिया: आन्ध्रालय
  • अमेरिका: पाताल (देवासुर संग्राम के बाद दैत्यों ने यहीं आश्रय लिया था।)
  • रशिया: ऋषिदेश
  • तज़ाकिस्तान: हूणदेश। इसके अतिरिक्त इसका एक नाम कम्बोज भी था।
  • जर्मनी: शर्मणी
  • तिब्बत: त्रिविष्टिप
  • मलेशिया: मलयद्वीप
  • म्यांमार: ब्रह्मदेश
  • इंडोनेशिया: वराहद्वीप (ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने यहीं वाराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष का वध किया था।)
  • पाकिस्तान: अखंड भारत का हिस्सा
    • पेशावर: पुरुषपुर 
    • स्वात: सुवास्तु
    • चारसद्दा: पुष्कलावती 
    • रावलपिंडी: तक्षशिला 
    • लाहौर: लव नगर (श्रीराम के पुत्र लव के नाम पर) 
    • कसूर: कुश नगर (श्रीराम के पुत्र कुश के नाम पर)
  • कंबोडिया: कंबुज 
  • इरान: पारस्य 
  • किर्गिस्तान: मद्र
  • बांग्लादेश: पुण्ड्र 
  • ग्रीस: यवन (कालयवन यहीं का राजा था जो जरासंध के बुलावे पर भारत आया)
  • यूरोप: हरिवर्ष (यहीं पर देवर्षि नारद को श्रीहरि की माया से हरि, अर्थात वानर का मुख प्राप्त हुआ था।)
  • पार्थिया: पहृव 
  • गाजा पट्टी: गजपद 
  • मेक्सिको: मक्षिका 
  • कनाडा: कणाद (ये भारत के महान ऋषि कणाद के नाम पर है)
  • अलास्का: अलकापुरी (यक्षराज कुबेर यहीं शासन करते थे)
  • उरुग्वे: उरुगाव (भगवान विष्णु का एक नाम)
  • ग्वाटेमाल: गौतमालय (महर्षि गौतम का एक आश्रम यहाँ भी था)
  • अर्जेंटीना: अर्जुनस्थान 
  • अंकारा (तुर्की): अंगिरा (ये नाम सप्तर्षियों में से एक महर्षि अंगिरा के नाम पर है)
  • सूडान: माली (ये नाम रावण के नाना माली के नाम पर है)
आइये अब अपने देश के स्थानों के प्राचीन नाम देखते हैं। प्राचीन काल में ये सभी नगर १६ महाजनपदों के अंतर्गत आते थे। 
  • बनारस: काशी - विश्व की सबसे प्राचीन नगरी जो भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है और जिसका नाश प्रलय में भी नहीं होता। स्वयं श्रीकृष्ण अपनी सम्पूर्ण शक्ति और सुदर्शन चक्र के द्वारा भी इसे नष्ट नहीं कर सके थे।
  • कुरुक्षेत्र: शर्यणवत - कभी यहाँ कौरवों के पूर्वज महाराज कुरु की राजधानी थी। यहीं महाभारत का युद्ध हुआ था। 
  • कन्याकुमारी: अयाध्य 
  • बौंसी: वासुकि - यहीं पर देवों और दानवों ने समुद्र मंथन किया था। 
  • भुवनेश्वर: शिशुपालगढ़ - श्रीकृष्ण के भाई शिशुपाल के नगर चेदि देश की राजधानी। 
  • इलाहबाद: प्रयागराज - इसका नाम पुनः बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है। 
  • राजगीर: राजगृह
  • फैज़ाबाद: अयोध्या - भगवान श्रीराम का जन्मस्थल। इसका नाम पुनः बदल कर अयोध्या कर दिया गया है। 
  • तामलुक: ताम्रलिप्त
  • भोपाल: उदयगिरि 
  • उज्जैन: अवन्ति। इसका प्राचीन नाम उज्जैयनी भी है। महाराज विक्रमादित्य यही के शासक थे। 
  • बड़ोदरा: वीरवती 
  • बिहार और नेपाल की सीमा: मिथिला - महाराज जनक की नगरी। देवी सीता का जन्म स्थान। 
  • विजयवाड़ा: विजयवाटिका 
  • पटना: पाटलिपुत्र
  • बिहार: मगध - महाराज जरासंध की नगरी। 
  • हैदराबाद: भाग्यनगर 
  • गुवाहाटी: प्राग्ज्योतिषपुर - नरकासुर यही का शासक था जिसका वध श्रीकृष्ण ने किया था। 
  • अजमेर: अजयमेरु 
  • कानपुर: कन्हैयापुर - यहाँ पर भी श्रीकृष्ण ने कुछ समय व्यतीत किया था। 
  • दिल्ली: खांडवप्रस्थ - हस्तिनापुर के विभाजन पर खांडवप्रस्थ पांडवों को दे दिया गया जहाँ उन्होंने नया नगर बसाया और उसे इंद्रप्रस्थ का नाम दिया। 
  • लखनऊ: लक्ष्मणावटी - लक्ष्मण ने इसे अपने बाहुबल से जीता था। 
  • अहमदाबाद: कर्णावती 
  • अलीगढ: रामगढ़ 
  • शामली: शालीभवन 
  • जमशेदपुर: कालीमति 
  • सुल्तानगंज: चम्पानगरी - इस प्रदेश को कर्ण ने जरासंध को परास्त करने के बाद प्राप्त किया था। बाद में इसे अंग देश की राजधानी बनाया गया। 
  • उस्मानाबाद: धराशिव 
  • जीन्द: जयन्तपुरी, इसका एक नाम जयंता भी था। 
  • सोनीपत: शोणप्रस्थ - अंगराज कर्ण के भाई (राधा के अपने पुत्र) शोण की नगरी। 
  • असन्ध: असन्धिवत
  • पिंजौर: पंचमपुर
  • महम: महेस्थ
  • हाँसी: आशी
  • सफीदों: सर्पदमन
  • पेहोवा: पृथूदक
  • जगाधरी: युगन्धर
  • कालका: कालकूट - कालकूट नाग की नगरी। 
  • थानेसर: स्थण्वीश्वर
  • कैथल: कपिल स्थल - कपिल मुनि का आश्रम यही था। 
  • औरंगाबाद: प्रकृतनाक
  • नारनौल: नरराष्ट्र
  • रोहतक: रोहिताश
  • सिरसा: शैरीषकम
  • मथुरा: मधुपुरी - राक्षस मधु के द्वारा बसाने के कारण जिसका वध शत्रुघ्न ने किया था। इसे मधुरा भी कहा जाता था। 
  • द्वारका: द्वारिका - श्रीकृष्ण की नगरी
  • अमीन: अभिमन्युपुर - अर्जुनपुत्र अभिमन्यु के नाम पर। 
  • पानीपत: पानीप्रस्थ 
  • बागपत: व्याग्रपत 
  • मेरठ: हस्तिनापुर - कौरव राष्ट्र की राजधानी। 
  • गुडगाँव: गुरुग्राम - यही पर गुरु द्रोण का आश्रम था। इसका नाम पुनः गुरुग्राम कर दिया गया है।
  • बरनावा: वारणावत - यहीं पुरोचन ने पांडवों को मारने के लिए लाख का महल बनाया था। 
  • राजौरी: राजपुर 
  • जयपुर: मत्स्य - विराट नगर की राजधानी। पांडवों ने अपना अज्ञातवास यहीं काटा था। 
  • दरभंगा: वज्जि 
  • देवरिया: मल्ल 
  • बुंदेलखंड: चेदि - शिशुपाल की नगरी। 
  • मालवा: अवंति 
  • मदुरै: अश्मक 
  • अहमदाबाद: आशापल्ली 
  • जालंधर: कपिस्थल
  • गंगानगर: रामनगर
  • आहड़: ताम्रवती
  • भीनमाल: श्रीमाल 
  • अलवर: आलौर
  • पुष्कर: पुष्कर तीर्थ 
  • नागौर: अहिछत्रपुर
  • करौली: गोपालमाल
  • बयाना: श्रीपंथ
  • सांचोर: सत्यपुर
  • भागलपुर: अंग - महारथी कर्ण की नगरी जो उसे दुर्योधन ने प्रदान की थी। बाद में इसका नाम भगदत्तपुर भी पड़ा। मैं इसी नगर का रहने वाला हूँ। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया टिपण्णी में कोई स्पैम लिंक ना डालें एवं भाषा की मर्यादा बनाये रखें।