नरसिंह मंदिर (बीदर) - रहस्यलोक सा मंदिर
कुछ समय पहले मुझे अपने परिवार के साथ कर्णाटक में बीदर नामक स्थान पर जाने का अवसर मिला। ये स्थान एक गुरूद्वारे के कारण प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि जब गुरु नानक अपनी यात्रा पर निकले थे तो वे यहाँ पर भी रुके थे। मैं उसी गुरूद्वारे में रुका और मुझे पता चला कि लगभग १५ किलोमीटर दूर भगवान नृसिंह का एक प्रसिद्ध मंदिर है। हमने वहां जाने का निश्चय किया।
मैं इस देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में जा चुका हूँ लेकिन ऐसा अद्भुत मंदिर मैंने आज तक नहीं देखा। जब हम वहां पहुंचे तो देखा कि अधिक लोग, जो वहां के स्थानीय निवासी थे, वे सभी धोती या गमछे में मंदिर के अंदर रहे हैं। मुझे कुछ समझ में नहीं आया और हमने दर्शन की टिकट ली (जिसका मूल्य -१०/- रूपये था) और मंदिर के द्वार पर पहुचें। वहां पहुंच कर मुझे पता चला कि आखिर लोग क्यों इस प्रकार भगवान के दर्शन को जा रहे हैं।
वहां जो हमने दृश्य देखा वो बड़ा अद्भुत था। मुख्य द्वार से मंदिर लगभग ३०० मीटर की दूरी पर था जो एक गुफा से होकर जाता था। और उस गुफा में पानी भरा हुआ था। और पानी भी घुटनों तक नहीं, बल्कि गले तक। अब हम तो बिना किसी तयारी के आये थे लेकिन फिर भी हम दर्शनों के लिए नीचे उतरे। अपने पुत्र को मैंने कन्धों पर उठा लिया और धीरे धीरे मंदिर तक पहुंचे।
गुफा की दोनों प्राकृतिक दीवारों में छोटे-छोटे छेद थे जिसके अंदर मेढक वैगरह थे। हमें इस बात का भी डर था कि कहीं कोई सांप ना निकल जाये। मैं सच कहता हूँ, यदि वहां इतने भक्त नहीं होते और कोई मुझे अकेले उस जलकुंड में उतरने को कहता तो शायद मेरी हिम्मत नहीं होती। पर फिर भी हम किसी प्रकार मंदिर तक पहुंचे और भगवान नृसिंह के दर्शन किये।
वापसी में मैंने ये निर्णय लिया कि इस अद्भुत स्थान का वीडियो बनाया जाये, तो मैंने किसी प्रकार वापसी का वीडियो बनाया। इस पूरे वीडियो को आप यहाँ देख सकते हैं। जब हम वापस पहुंचे तो मैंने देखा कि मेरा मोबाइल पानी जाने से बंद पड़ गया है। मुझे लगा जो मेहनत की वो सब बर्बाद हो गयी पर कुछ समय बाद मोबाइल ऑन हो गया। किन्तु फिर पता चला कि चूँकि मेरे मोबाइल में पानी चला गया था तो वीडियो तो रिकॉर्ड हो गया लेकिन ऑडियो नहीं हुआ। फिर भी वो वीडियो तो बच ही गया।
तो यदि कोई भी बीदर में है या वहां जा रहा है तो मैं उनसे आग्रह करूँगा कि इस मंदिर के दर्शन को अवश्य जाएँ। इस मंदिर में जाने से पहले आरामदायक कपडे पहने और मोबाइल, गहने इत्यादि लेकर ना जाएँ। प्रयास करें कि इस मंदिर में खाली हाथ जाएँ ताकि आराम से उस जलकुंड का सफर पूरा कर सकें। मुझे विश्वास है कि यदि आप वहां एक बार जायेंगे तो ये आपके जीवन के सबसे अविस्मरणीय अनुभवों में से एक होगा। जय भगवान नृसिह।
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