रामायण में अंगद द्वारा रावण को अपना पैर हिलाने की चुनौती देने वाला प्रसंग रामायण के सबसे रोचक प्रसंगों में से एक है। संक्षेप में कथा ये है कि जब श्रीराम की सेना ने समुद्र में पुल बना कर लंका में प्रवेश किया तब उस युद्ध को रोकने के अंतिम प्रयास के रूप में श्रीराम ने रावण के पास संधि प्रस्ताव भेजने का विचार किया। हालाँकि सुग्रीव उनकी इस बात से सहमत नहीं थे, फिर भी श्रीराम की आज्ञा मान कर उन्होंने अंगद को अपना दूत बना कर रावण के पास भेजा।
राजा सगर भगवान श्रीराम के पूर्वज थे। इन्ही के पुत्रों की गलती के कारण माता गंगा को पृथ्वी पर आना पड़ा था। इनकी कथा हमें रामायण के बालकाण्ड के सर्ग ३८ में मिलती है जब महर्षि विश्वामित्र श्रीराम और लक्ष्मण को माता गंगा की उत्पत्ति की कथा सुना रहे होते हैं।