हिन्दू धर्म में संख्या ४ का महत्त्व

४ वेद
  1. ऋग्वेद 
  2. सामवेद
  3. अथर्ववेद
  4. यजुर्वेद
४ उप-वेद (मूल ग्रन्थ)
  1. संहिता (मन्त्र खंड)
  2. ब्राह्मण (गद्य खंड)
  3. आरण्यक (कर्मकांड खंड)
  4. उपनिषद (श्रुति खंड)
४ वर्ण
  1. ब्राह्मण  
  2. क्षत्रिय
  3. वैश्य
  4. शूद्र
४ पुरुषार्थ
  1. धर्म
  2. अर्थ
  3. काम
  4. मोक्ष
४ शत्रु
  1. काम
  2. क्रोध 
  3. मोह
  4. लोभ
४ आश्रम
  1. ब्रह्मचर्य
  2. गृहस्थ
  3. वानप्रस्थ
  4. संन्यास
४ कुमार
  1. सनक 
  2. सनन्दन 
  3. सनातन 
  4. सनत्कुमार 
४ धाम 
  1. पुरी (उड़ीसा)
  2. रामेश्वरम (तमिलनाडु)
  3. द्वारका (गुजरात)
  4. बद्रीनाथ (उत्तराखंड)
४ दिशा 
  1. पूर्व 
  2. पश्चिम 
  3. उत्तर 
  4. दक्षिण 
४ ऋतु 
  1. वसंत 
  2. ग्रीष्म 
  3. वर्षा 
  4. शिशिर 
४ सेना (चतुरंगिणी सेना)
  1. पद सेना 
  2. अश्व सेना 
  3. रथ सेना 
  4. गज सेना 
४ युग 
  1. सतयुग 
  2. त्रेतायुग 
  3. द्वापरयुग 
  4. कलियुग 
४ सांख्य 
  1. योग 
  2. न्याय 
  3. वैशेसिका 
  4. मीमांसा 
४ गुरु-शिष्य परंपरा 
  1. परमपदा 
  2. सुरेश्वरा 
  3. हस्तमलकाचार्य 
  4. टोटकाचार्य 
४ मठ 
  1. गोवर्धन मठ 
  2. श्रृंगेरी शारदा मठ 
  3. द्वारकापीठ मठ 
  4. ज्योतिर्मठ 
४ महावाक्य 
  1. ।। प्रजानाम ब्रह्मा।। 
  2. ।। अहम् ब्रह्मास्मि।।  
  3. ।। तत्त्वमसि।। 
  4. ।। अयामात्मा ब्रह्मा।। 
४ संप्रदाय 
  1. श्री संप्रदाय (गुरु - लक्ष्मी, आचार्य - रामानुजाचार्य)
  2. माधव संप्रदाय (गुरु - ब्रम्हा, आचार्य - माधवाचार्य)
  3. रूद्र संप्रदाय (गुरु - रूद्र, आचार्य - वल्लभाचार्य)
  4. कुमार संप्रदाय (गुरु - चार कुमार, आचार्य - निम्बार्काचार्य)
४ संस्कृत लिप्यंतरण (संप्रदाय)
  1. भोगवला 
  2. भूरिवला 
  3. कितावला 
  4. नंदवला 
४ समुदाय 
  1. ब्रह्म  
  2. वैष्णव 
  3. शैव 
  4. शक्ति 
४ महापाप 
  1. गुरुपत्नी-सम्बन्ध 
  2. चोरी 
  3. मदिरापान 
  4. ब्रह्महत्या
४ महास्त्र 
  1. ब्रह्मास्त्र  
  2. नारायणास्त्र 
  3. पाशुपतास्त्र 
  4. ब्रह्मशिर  
४ महागुरु 
  1. बृहस्पति 
  2. शुक्राचार्य 
  3. वशिष्ठ 
  4. विश्वामित्र
४ पवित्र जीव 
  1. गौ (गाय)
  2. नाग (सर्प)
  3. गज (हाथी)
  4. मयूर (मोर)
४ महादेवी 
  1. सरस्वती 
  2. लक्ष्मी 
  3. पार्वती 
  4. गायत्री
४ पवित्र ग्रन्थ 
  1. रामायण 
  2. महाभारत 
  3. श्रीमदभगवद्गीता
  4. पुराण 

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