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प्रसिद्ध "सूत जी" कौन थे?
लेखक:
धर्म संसार
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यदि आपने हिन्दू धर्म के किसी भी धर्मग्रन्थ या व्रत कथाओं को पढ़ा है तो आपके सामने पौराणिक "सूत जी" का नाम अवश्य आया होगा। कारण ये है कि सूत जी कदाचित हिन्दू धर्म के सबसे प्रसिद्ध वक्ता हैं। कारण ये कि पुराणों की कथा का प्रसार जिस स्तर पर उन्होंने किया है वैसा किसी और ने नहीं किया। किन्तु ये "सूत जी" वास्तव में हैं कौन?
मृतसञ्जीवनी स्त्रोत्र (हिंदी अर्थ सहित)
लेखक:
धर्म संसार
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पिछले लेख में आपने मृतसञ्जीवनी मन्त्र के विषय में पढ़ा। इस भाग में हम "मृतसंजीवनी स्त्रोत्र" के विषय में आपको बताएँगे। ऐसा माना जाता है कि इस महान स्त्रोत्र को परमपिता ब्रह्मा के पुत्र महर्षि वशिष्ठ ने लिखा था। ३० श्लोकों का ये स्त्रोत्र भगवान शिव को समर्पित है और उनके कई अनजाने पहलुओं पर प्रकाश डालता है। जो कोई भी इस स्त्रोत्र का पूर्ण चित्त से पाठ करता है, उसे जीवन में किसी भी कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता। इस लेख में हम आपको पूर्ण मृतसञ्जीवनी मन्त्र से अर्थ सहित परिचित करवाएंगे।
ACHCHA PRYAS HAI.JAGAH KE NAAM BAHU SPSTA NAHI HO PA RAHE HAIN,ISE AUR SPAST KARNE KI KOSISH KAREN.....ISWAR AAP KO SAFALATA DE.
जवाब देंहटाएंDhanyawad Guru ji. Agar image par click karenge to shayad naam spasht ho payen.
हटाएंvery informative and nice illustration
जवाब देंहटाएंThanks Baban. Accha laga ki tum bhi mera blog padhte ho.
हटाएंGood job but not clarity state,city
जवाब देंहटाएंThanks Vimal ji. Please click on the image. It will clear the names.
हटाएंभारत के प्राचीन इतिहास और भूगोल पढ़ा मुझे गर्व महसूस हो रहा है । आपको भारतीय संस्कृति,सभ्यता और इतिहास की जानकारी देने के लिए साधुवाद
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दीपक जी।
हटाएंBhut Bhut dhnyvad
हटाएंभारत के प्राचीन इतिहास और भूगोल पढ़ा मुझे गर्व महसूस हो रहा है । आपको भारतीय संस्कृति,सभ्यता और इतिहास की जानकारी देने के लिए साधुवाद
जवाब देंहटाएंBahut bahut dhanyawad Deepak ji.
हटाएंThanks
जवाब देंहटाएंVery nice 😁😀
जवाब देंहटाएंहमें प्राचीन भारत के विशाल वैभवशाली एवं अखंड राष्ट्र की महानता पर गौरव की अनुभूति होती है,आने वाला समय निश्चित रूप से ही साकार होगा। जय भारत ,जय माँ भारती
जवाब देंहटाएंईश्वर करे ऐसा ही हो। धन्यवाद।
हटाएंThanks
जवाब देंहटाएंMera bharat mahan sanatan dharm amar tha or amar rahega jai hind
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