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महर्षि अंगिरा का वंश
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महर्षि अंगिरा (अंगिरस) परमपिता ब्रह्मा के पुत्र एवं प्रथम स्वयंभू मन्वन्तर में सप्तर्षियों में से एक हैं। इन्ही के पुत्र देवगुरु बृहस्पति ह...
वाल्मीकि रामायण की पूरी संरचना (सम्पूर्ण कांड, सर्ग और श्लोक)
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संक्षेप में वाल्मीकि रामायण की संरचना: कुल कांड: ७ कुल मूल सर्ग: ६४२ कुल प्रक्षिप्त सर्ग: ३ कुल सर्ग: ६४५ कुल मूल श्लोक: २३६४४
क्या द्रौपदी ने स्वयंवर में कर्ण का अपमान किया था?
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आज की पीढ़ी और शायद पुरानी पीढ़ी भी, जिन्होंने महाभारत को केवल टीवी सीरियलों में देखा है, उनमें से ९९% लोगों की ऐसी मान्यता है कि चूँकि महारथी...
ब्रह्मर्षि विश्वामित्र
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महर्षि विश्वामित्र हिन्दू धर्म के सर्वाधिक प्रसिद्ध, प्रभावशाली और शक्तिशाली ऋषियों में से एक हैं। वो हमारे धर्म के उन गिने चुने ऋषियों में ...
वाल्मीकि रामायण अयोध्या कांड (सम्पूर्ण) - मूल श्लोक और हिंदी अर्थ सहित
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सर्ग १ गच्छता मातुलकुलं भरतेन तदानघः। शत्रुघ्नो नित्यशत्रुघ्नो नीतः प्रीतिपुरस्कृतः॥१॥ (पहले यह बताया जा चुका है कि) भरत अपने मामा के यहाँ ...
नरसिंह मंदिर (बीदर) - रहस्यलोक सा मंदिर
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कुछ समय पहले मुझे अपने परिवार के साथ कर्णाटक में बीदर नामक स्थान पर जाने का अवसर मिला। ये स्थान एक गुरूद्वारे के कारण प्रसिद्ध है। ऐसी मान्य...
6 टिप्पणियां:
वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड (सम्पूर्ण) - मूल श्लोक और हिंदी अर्थ सहित
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सर्ग १ ॐ तपःस्वाध्यायनिरतं तपस्वी वाग्विदां वरम्। नारदं परिपप्रच्छ वाल्मीकिर्मुनिपुंगवम्॥१॥ तपस्वी वाल्मीकिजी ने तपस्या और स्वाध्याय में लग...
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