- घंटी
- शंख
- बांसुरी
- वीणा
- मंजीरा
- करतल
- बीन (पुंगी)
- ढोल
- नगाड़ा
- मृदंग
१० कर्तव्य:
- संध्यावंदन
- व्रत
- तीर्थ
- उत्सव
- दान
- सेवा
- संस्कार
- यज्ञ
- वेदपाठ
- धर्म प्रचार
१० चिरंजीवी
- बलि
- परशुराम
- विभीषण
- हनुमान
- व्यास
- कृपाचार्य
- अश्वत्थामा
- मार्कण्डेय
- लोमश
- काकभुशुण्डि
- उर्ध्व
- ईशान
- पूर्व
- आग्नेय
- दक्षिण
- नैऋत्य
- पश्चिम
- वायव्य
- उत्तर
- अधो
- कामधेनु
- गरुढ़
- संपाति-जटायु
- उच्चै:श्रवा
- ऐरावत
- शेषनाग-वासुकि
- रीझ
- वानर
- येति
- मकर
१० दैवीय वस्तुएं:
- कल्पवृक्ष
- अक्षयपात्र
- कर्ण के कवच कुंडल
- दिव्य धनुष और तरकश
- पारस मणि
- अश्वत्थामा की मणि
- स्यंमतक मणि
- पांचजन्य शंख
- कौस्तुभ मणि
- संजीवनी बूटी
रामायण के १० महान योद्धा
महाभारत के १० महान योद्धा (श्रीकृष्ण का नाम यहाँ नहीं है क्यूंकि उन्होंने युद्ध नहीं लड़ा था)
- भीष्म
- द्रोण
- कर्ण
- अर्जुन
- भीम
- दुर्योधन
- अश्वत्थामा
- युधिष्ठिर
- कृपाचार्य
- नकुल एवं सहदेव
१० पवित्र पेय:
- चरणामृत
- पंचामृत
- पंचगव्य
- सोमरस
- अमृत
- तुलसी रस
- पायस (खीर)
- आंवला रस
- गंगाजल
- गोरस (गाय का दूध)
- काली
- तारा
- त्रिपुरसुंदरी
- भुवनेश्वरी
- छिन्नमस्ता
- त्रिपुरभैरवी
- धूमावती
- बगलामुखी
- मातंगी
- कमला
१० उत्सव:
- नवसंवत्सर
- मकर संक्रांति
- वसंत पंचमी
- पोंगल
- होली
- दीपावली
- रामनवमी
- कृष्ण जन्माष्टमी
- महाशिवरात्रि
- नवरात्रि
१० बाल पुस्तकें:
- पंचतंत्र
- हितोपदेश
- जातक कथाएं
- उपनिषद कथाएं
- वेताल पच्चिसी
- कथा सरित्सागर
- सिंहासन बत्तीसी
- तेनालीराम
- शुक सप्तति
- बाल कहानी संग्रह
१० पूजा:
- गंगा दशहरा
- आंवला नवमी
- वट सावित्री
- तुलसी विवाह
- शीतलाष्टमी
- गोवर्धन पूजा
- हरतालिका तीज
- दुर्गा पूजा
- भैरव पूजा
- छठ पूजा
१० धार्मिक स्थल:
- १२ ज्योतिर्लिंग
- ५१ शक्तिपीठ
- ४ धाम
- ७ पुरी
- ७ नगरी
- ४ मठ
- ४ आश्रम
- १० समाधि स्थल
- ५ सरोवर
- १० पर्वत और गुफाएं
१० पूजा के फूल:
- आंकड़ा
- गेंदा
- पारिजात
- चंपा
- कमल
- गुलाब
- चमेली
- गुड़हल
- कनेर
- रजनीगंधा
१० धार्मिक सुगंध:
- गुग्गुल
- चंदन
- गुलाब
- केसर
- कर्पूर
- अष्टगंध
- गुढ़-घी
- समिधा
- मेहंदी
- चमेली
१० यम-नियम:
- अहिंसा
- सत्य
- अस्तेय
- ब्रह्मचर्य
- अपरिग्रह
- शौच
- संतोष
- तप
- स्वाध्याय
- ईश्वर-प्रणिधान
१० सिद्धांत:
- एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति (एक ही ईश्वर है दूसरा नहीं)।
- आत्मा अमर है।
- पुनर्जन्म होता है।
- मोक्ष ही जीवन का लक्ष्य है।
- कर्म का प्रभाव होता है और कर्म ही भाग्य है।
- संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है।
- ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है।
- संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है।
- वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है।
- दान ही पुण्य है।
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